असल न्यूज़: अयोध्या में निर्माणाधीन राममंदिर के गर्भगृह में रामलला पहुंच चुके हैं. थोड़ी देर में उनकी स्थापना होगी. इस मौके पर गर्भगृह में विशेष पूजन का आयोजन किया गया. इसके बाद क्रेन की मदद से रामलला के विग्रह को मंदिर के अंदर ले जाया गया. नेपाल के काली नदी से आई शिला से निर्मात 51 इंच का विग्रह स्थापित होने के बाद इनकी प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू होगी. मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को होनी है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रधान संकल्प लेते हुए आगे प्रक्रिया शुरू होगी. इससे पहले बुधवार को यहां महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. उसके बाद पूजन कर रामलला के विग्रह को राम मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया था. बताया जा रहा है कि रामलला का यह विग्रह करीब 200 किलो वजन का है. जानकारी के मुताबिक विग्रह को गर्भ गृह में ले जाने से पहले यज्ञ मंडप के 16 स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन किया गया.
कल ही मंदिर परिसर में आ गई थी मूर्ति
इस मौके पर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि 16 स्तंभ 16 देवताओं के प्रतीक हैं. मंडप के चार द्वार चार वेदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इसी प्रकार द्वार के दो-दो द्वारपाल चारों वेदों की दो-दो शाखाओं के प्रतिनिधि हैं. बता दें साढ़े 500 साल के संघर्ष के बाद श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराया गया है. अब 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इसको लेकर समूचे देश में हर्ष और उत्साह का माहौल है
पीएम होंगे मुख्य यजमान
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. विधि विधान से इस कार्यक्रम को संपन्न कराया जाएगा. इसमें देश और विदेश के हजारों मेहमान साक्षी बनेंगे. हालांकि पहले दिन यानी 22 जनवरी को भगवान राम के गर्भगृह में जाने की अनुमति सबको नहीं होगी, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद मंदिर सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.